परमेश्वर दुनियां का सब लोग से प्यार करदु, अर यां खुणि ही वेन यीशु मसीह तैं भेजी छौ।
उत्तराखण्ड का बारा मा जाणा
परिचै
मेरु उत्तराखण्ड
हमरा भारत देस को एक भाग हमरु उत्तराखण्ड च, अर 1 अगस्त 2000 कू लोकसभा मा उत्तरांचल राज्य को पुनर्गठित विधयक का अनुसार मौजुदा 13 जिलों तैं मिलि के ( देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिहं नगर ) उत्तर परदेस बटि हटै के अगल करण की मंजूरी मिली गै छै। किलैकि पैलि उत्तराखण्ड उत्तर परदेस को एक भाग छौ, मगर 9 नवम्बर 2000 मा उत्तरांचल अपणा अस्तित्व मा ऐ। अर 29 दिसम्बर 2006 मा येको नौ उत्तरांचल बटि बदळि के उत्तराखण्ड करै गै। उत्तराखण्ड की उत्तर दिसा की सीमा पर नेपाल अर तिब्बत छिन अर दक्छिन मा उत्तर परदेस अर पच्छिम मा हिमाचल परदेस का इलाका की सीमावों से घिर्युं च। अर जन कि भारत की 2011 की गणना से पता चलदु त उत्तराखंड मा लगभग 10,116,752 लोग छिन जौं मदि 5,154,178 बैख अर 4,962,574 जनानियां छै अर जौंमा बटि 69.45% लोग गौं का इलाकों मा ही रौन्दिन।
बोलियां
उत्तराखण्ड का बारा मा भौत सा लोग सोचदिन, कि इख केवल गढ़वळि, कुमाऊँनि अर जौनसारी, 3 ही बोलियां बुलै जनदिन। मगर या भौत बड़ी गलतफैमि च। इख 16 बोलियां छिन, जौं को नौ च श्रीनगरिया, टिहरी (गंगापारी), बदानी,डेसौली, लोहबिया, माज-कुमाय्या,भट्टियानी, नागपुरिया, राठी, सलानी, रावई, बांगानी, जौनपुरी, गंगाडी, चंदपुरी। अर यों मा बटि कुछ इन छिन जु की अलग-अलग जगा मा बुलै जनदिन, अर कुछ त कुमाऊँ मा बुलै जनदिन।
मण्डल
उत्तराखण्ड दुई भागों मा बट्युं च। ‘गढवाळ मण्डल’
जैमा (देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाळ औन्दिन)। अर हमरा यों जिलों मा भि अलग-अलग बोलियां छिन, मगर हमरा ‘श्रीनगरिया’ बोलि ज्वा की हमरि गढवळी बोलि च या सब्ब लोगु का समझ मा ऐ जान्दी।
अर ठिक उन्नि
‘कुमाऊँ मण्डल’ जैमा (चंपावत बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिहं नगर) जिला औन्दिन। अर कुमाँऊ को पुराणु नौ‘कूर्माचल’ छौ। येका बगल मा नेपाल पस्छिम मा हिमालै परवत च अर येका मैदानी क्षैत्र मा भाभर की दुई पट्टियाँ छिन।
अगर तुम चन्द्यां की येका बारा और जादा जानकारी दिये जौ, त हम खूणि अपणु रैबार भेजा